– भुसावर कृषि कॉलेज के डीन ने नौगांवा कृषि केन्द्र के नवाचारों को सराहा
भुसावर (भरतपुर). अलवर। अलवर जिले के नौगांवा के किसानों ने नवाचारों के जरिए ना केवल आमदनी बढ़ाई बल्कि आत्मनिर्भरता की नई इबारत भी लिख दी है। नौगांवा कृषि विज्ञान केन्द्र ने क्षेत्र के किसानों को समन्वित खेती की राह दिखाई। इसके बूते वे खेती में भी मालामाल हो रहे हैं। नौगांवा के इन्हीं नवाचारों को देखने मंगलवार को भुसावर कृषि कॉलेज के डीन डॉ. उदय भान गए। उन्होंने किसानों के इस हुनर और मेहनत की जमकर तारीफ की। अब वे इन्हीं नवाचारों के जरिए भुसावर और उसके आसपास के क्षेत्रों के किसानों की भी आमदनी बढ़ाने पर काम करेंगे।
इकाइयों से बढ़ी किसानों की आमदनी
इस बारे में डीन डॉ. उदयभान सिंह ने बताया कि नौगांवा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पर किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कई इकाइयां स्थापित की गई हैं। इनमें प्राकृतिक खेती, जैविक खेती, वर्मी कम्पोस्ट, बकरी पालन, गो पालन, अजोला उत्पादन, नर्सरी, उन्नत कृषि यंत्र, बीज विधायन यंत्र भी शामिल है। उन्होंने बताया कि समन्वित खेती में किसान के पास उपलब्ध सभी संसाधनों का बेहतरीन उपयोग होता है। मसलन: पशुपालन में दूध बेचकर किसान को रोजाना की आमदनी मिलती है। गोबर और बचे हुए खराब चारे से कम्पोस्ट या वर्मी कम्पोस्ट बनाते हैं। खेती से पशुओं को चारा और फसल के लिए जैविक खाद मिलती है। उन्नत कृषि यंत्र और बीज विधायन संयंत्र के जरिए किसान स्वयं बीज उत्पादन कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है।
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नवाचारों को अपनाएं किसान
उन्होंने बताया कि आम फसलों के साथ ही फल-सब्जी उत्पादन और प्रोसेसिंग कर किसान अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं। इसलिए किसानों को खेती में हो रहे नवाचारों को अपनाना चाहिए। इस दौरान कृषि विज्ञान केन्द्र नौगांवा प्रभारी डॉ. सुभाष यादव, कृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर प्रभारी डॉ. नबाब सिंह, कृषि अनुसंधान उपकेन्द्र कुम्हेर के प्रभारी डॉ. रामफूल पूनिया, डॉ. पूनम और डॉ. प्रियंका जोशी भी उपस्थित थे।