-साइबर सेल ने अंतर राज्यीय साइबर ठग गिरोह के 4 आरोपी दबोचे, अफीम भी बरामद
जयपुर। पुलिस मुख्यालय की साइबर सेल ने ऑनलाइन ठगी के अंतर राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के चार सदस्य जयपुर की एक होटल में बैठकर देशभर के लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। ये अपराधी लोगों से ठगे गए रुपयों को बैंक खाते में रखने के बजाय क्रिप्टोकरेंसी में बदल देते थे। इससे पुलिस के लिए ठगी के रुपयों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। इनके पास से 6 मोबाइल, 5 बैंक पासबुक, 6 चेकबुक, 12 एटीएम, 19 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और एक क्रेटा कार सहित मादक पदार्थ भी जब्त किया है। यह कार्रवाई साइबर क्राइम के उप महानिरीक्षक पुलिस विकास शर्मा और एसपी शांतनु कुमार सिंह के निर्देश पर की गई।
कमीशन पर लेते थे बैंक खाते, फर्जी सिम से करते ठगी
पीएचक्यू साइबर सेल के कांस्टेबल सच्चिदानंद शर्मा को मुखबिर से इस सम्बंध में सूचना मिली थी। इसमें बताया गया कि जयपुर के गोविंदपुरा स्थित “होटल लेजेंड” में कुछ लोग साइबर ठगी का रैकेट चला रहे हैं। ये लोग वाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए लोगों से सम्पर्क करते हैं और धोखे से उनके बैंक खातों से पैसे निकाल लेते थे। पुलिस ने होटल के कमरा नम्बर 207 में छापा मारा। वहां पर चार लोग मिले, पूछताछ में उन्होंने ऑनलाइन ठगी करना स्वीकार किया। इसके बाद पुलिस ने बीकानेर निवासी विष्णु दत्त खींचड़, देवीलाल गोदारा, छत्तीसगढ़ निवासी विवेक कुमार जायसवाल और सीकर के श्रीमाधोपुर निवासी राहुल चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को जांच में पता चला कि ये कमीशन पर बैंक खाते लेते थे और फर्जी सिम कार्ड के जरिए उनमें ठगी की रकम लेते थे। इससे पुलिस को पता नहीं चल सके।
होटल मालिक भी जांच के दायरे में
साइबर सेल टीम ने जांच में पाया कि होटल मालिक सीकर निवासी नरेंद्र बिजारणिया (47) ने इन अपराधियों को बिना किसी पहचान पत्र या रजिस्टर में एंट्री के होटल में रहने दिया था। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। आरोपियों में से एक विष्णु दत्त के पास से 118 ग्राम अफीम भी बरामद हुई है। होटल मालिक और अफीम जब्ती के बारे में करधनी पुलिस को सूचना देकर अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया।
इस टीम ने दिया कार्रवाई को अंजाम
इस पूरी कार्रवाई को एसएचओ सुगन सिंह, पुलिस निरीक्षक राधेश्याम, सहायक उप निरीक्षक अजय कुमार, कांस्टेबल कृष्ण कुमार, बनवारी लाल, सुभाष चाहर, जयसिंह, अमित कुमार, मोतीराम, दीपक, चालक सूबेसिंह ने अंजाम दिया। कांस्टेबल सच्चिदानन्द शर्मा की विशेष भूमिका रही।