– डीजीपी के निर्देश पर पुलिस की 10 टीमों के चक्रव्यूह में फंसे 4 आरोपी
जयपुर। हनुमानगढ़ के संगरिया कस्बे में विकास जैन हत्याकांड का पुलिस ने मात्र 60 घंटों में खुलासा कर दिया है। इस हत्याकांड में शामिल लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुख्यात शार्प शूटर जलंधर सिंह उर्फ अमृतपाल सहित कुल चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जलंधर सिंह तीन महीने पहले पंचकूला में हुए सोनू माल्टा हत्याकांड में भी वांछित था। बदमाश को पुलिस टीमों ने धर्मपुरा हरियाणा में दबोच लिया।
10 विशेष टीम की गठित
आईजी बीकानेर रेंज हेमंत शर्मा ने बताया कि 12 सितंबर को विकास जैन की हत्या की सूचना मिलते ही एसपी हनुमानगढ़ हरीशंकर ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर के नेतृत्व में 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने तकनीकी और मानवीय सूचनाओं का उपयोग करते हुए आरोपियों की पहचान की और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी।
आरोपियों को मिल रही थी फंडिंग

मामले में पुलिस टीम ने मुख्य शूटर जलंधर सिंह उर्फ अमृतपाल आपराधिक गैंग से फंडिंग प्राप्त करने वाले और आरोपियों को वाहन उपलब्ध कराने वाले हरदीप सिंह उर्फ दीप, मखिंद्र सिंह उर्फ लवली और मनप्रीत सिंह उर्फ मनी को हरियाणा से गिरफ्तार किया गया। पुलिस को पता चला है कि ये आरोपी न केवल सीधे तौर पर हत्या में शामिल थे बल्कि उन्हें आपराधिक गैंग से फंडिंग भी मिल रही थी और उनके सहयोगियों ने उन्हें वाहन भी उपलब्ध करवाए थे। पुलिस अब इन आरोपियों के अन्य सहयोगियों और उनके पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की जांच कर रही है।
पुलिस टीम के इस सफल ऑपरेशन में थानाधिकारी संगरिया, तलवाड़ा, टिब्बी और जिला विशेष टीम के अधिकारियों व जवानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महानिरीक्षक पुलिस बीकानेर हेमंत शर्मा ने इस सफलता पर पुलिस टीम की सराहना की और बताया कि इस तरह की त्वरित कार्रवाई से अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। मृतक विकास जैन (48) संगरिया के वार्ड नंबर 29 के निवासी थे।
भारत-पाक सीमा के गडरा थाने पर पहुंचे डीजीपी
ये था मामला
12 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजे धानमंडी में विकास जैन अपनी दुकान पर बैठे थे। उनके पार्टनर नरेश कुमार अरोड़ा ने जब उन्हें फोन किया और कोई जवाब नहीं मिला तो वे दुकान पर पहुंचे। वहां उन्होंने विकास जैन को फर्श पर गिरा हुआ पाया, जिनके चेहरे और पेट पर गोलियों के निशान थे। घटनास्थल पर गोलियों के खाली खोखे भी बिखरे पड़े थे। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आपराधिक नेटवर्क पर चला ऑपरेशन
हत्या की सूचना मिलते ही एसपी हरीशंकर ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर और वृत्ताधिकारी करण सिंह के नेतृत्व में 10 विशेष टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने तकनीकी और मानवीय सूचनाओं का उपयोग करते हुए आरोपियों की पहचान की और उनके संभावित ठिकानों पर दबिश देकर हरियाणा से डिटेल किया।
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