-ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी कर रहे थे, पूछताछ में नेटवर्क का होगा खुलासा
जयपुर। अलवर पुलिस ने भारतीय डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने फर्जी मार्कशीट के आधार पर ग्रामीण डाक सेवक की नौकरी पाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। डाक विभाग की आंतरिक जांच में दस्तावेज के फर्जी होने का पता चला। इसके बाद डाक विभाग की रिपोर्ट पर अलवर पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
डाक विभाग की जांच में दस्तावेज निकले जाली
पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि साल 2022 में हुई भर्ती प्रक्रिया में 10वीं कक्षा के अंकों के आधार पर नियुक्ति दी गई थी। इसके बाद जब डाक विभाग ने सफल उम्मीदवारों के दस्तावेज की जांच करवाई तो हितेश कुमार, साहिल, मनीषा, नैना, शैलेन्द्र कुमार और पिंटू कुमार जैसे कुछ लोगों की ओर से तमिलनाडु के चेन्नई बोर्ड की जाली मार्कशीट जमा करने का पता चला।
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ऐसे जुड़ी कड़ी और खुल गया फर्जीवाड़ा
एसपी चौधरी ने बताया कि इस मामले में पहले हितेश कुमार को गिरफ्तार किया गया था। अब पुलिस ने शैलेन्द्र कुमार निवासी मुंडिया खेड़ा, खैरथल-तिजारा को भी गिरफ्तार किया है, जिसने बताया कि उसने यह फर्जी मार्कशीट दोस्त संदीप यादव के जरिए प्राप्त की थी। संदीप यादव को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। संदीप ने बताया कि उसने एक कोचिंग सेंटर के संचालक से अपने और शैलेन्द्र के लिए फर्जी अंकतालिकाएं बनवाई थीं।
पुलिस अब इन दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि इस फर्जीवाड़े के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।